महाविद्यालय के परिसर में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हेतु छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग आर.ओ. वा की व्यवस्था करायी गई है। महाविद्यालय में छात्र एवं छात्राओं के उपयोग के लिए स्वच्छ शौचालयों अलग पर्याप्त व्यवस्था है। एवं छात्र/छात्राओं के लिए अलग से कॉमन राम की व्यवस्था है।
1. शुल्क मुक्ति एवं छात्र सहायता हेतु आवेदन महाविद्यालय द्वारा निर्धारित आवेदन पत्र पर देना होगा, जो महाविद्यालय के कार्यालय द्वारा प्राप्त होगा।
2. शासनादेश के अनुसार शुल्क-मुक्ति उन निर्धन छात्रों को ही प्रदान की जाएगी जिनके माता-पिता/ अभिभावक/संरक्षक की वार्षिक आय शासनादेश के अनुरूप होगी तथा उन छात्रों के गत परीक्षा में 50% से कम अंक न हो |
3. अनुशासनहीन तथा किसी भी कक्षा में नकल के आरोप में दण्डित छात्रों को किसी भी प्रकार की छात्र सहायता या शुल्क-मुक्ति के अयोग्य माना जायेगा।
महाविद्यालय के प्रत्येक विषय में मानक के अनुसार प्राध्यापक |
समुन्नत पुस्तकालय एवं वाचनालय की व्यवस्था |
महाविद्यालय में पंखा एवं कम्प्यूटर के लिए जनरेटर की व्यवस्था |
सभी प्रयोगात्मक विषयो के लिए सुज्जित, संसाधनयुक्त प्रयोगशाला की उत्तम व्यवस्था |
विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास के लिए खेलो का मैदान तथा इससे सम्बन्धित कीड़ा सामग्री उपलब्ध है |
छात्रो को भौतिक युग के अनुकूल सामर्थ्यवान बनाने हेतु महाविद्यालय में कम्प्यूटर शिक्षण की व्यवस्था की गई है |
विभिन्न विषयो के छात्रो के लिए शैक्षणिक पर्यटक की व्यवस्था है |
विद्यार्थियों के कलात्मक रूचि लेखन पटुता एवं नेत्रित्व जैसे गुणों को विकसित करने के लिए महाविद्यालय में सांस्कृतिक परिषद का गठन किया गया है जिसके द्वारा समय -समय पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है |
विश्वविद्यालय मानक के अनुसार महाविद्यालय में प्रत्येक विद्यार्थी की 75% उपस्थिति अनिवार्य है |
मानक अनुरूप उपस्थिति नहीं होने पर विद्यार्थी परीक्षा से वंचित किया जा सकता है |
महाविद्यालय के छात्रों के स्वतन्त्र एवं व्यवस्थित चिन्तन, कलात्मक अभिरुचि, रचनात्मक प्रवृति यथा लेखन वाक्-शक्ति के उन्नयन तथा इसी प्रकार के अन्य रचनात्मक गुणों के संविकास के लिए पर्याप्त अवसर एवं सुविधाएँ हैं | इसके आयोजन एवं क्रियान्वयन हेतु महाविद्यालय में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक परिषद् के तत्तवाधान में समय-समय पर सास्कृतिक एवं साहित्यिक कार्यक्रमों का प्रावधान हैं | इच्छुक छात्र परिषद् के संयोजक से सम्पर्क कर उनकी अनुमति से तत्संबंधी कार्यक्रमों के आयोजन में अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सकते हैं | छात्रों की सृजनात्मक प्रतिभा के उन्नयन में महाविद्यालय की पत्रिका “ जिजीविषा “ का महत्वपूर्ण योगदान हैं |
महाविद्यालय में छात्र/छात्राओं के शिक्षणेतरक्रिया कलापों के संवर्द्धनार्थ रोग) की कार्यरत है। जिसमे 50 (19/1अत्राओं की प्रतिभागिता निर्धारित है। इसमें प्रवेश के इच्छुक अभ्ययौ प्रवेश पाने के बाद लीडर की कर्ण सिंह से प्रार्थना-पत्र प्राप्त करके साक्षात्कार के से है।